Chia Seeds ke Fayde aur Nuksan – चिया के बीज शरीर के लिए बड़े हीं लाभदायक होते हैं | इसमें विटामिन्स, मिनिरल्स, फाइबर और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाई जाती है | अगर आप अपने वजन को कम करना चाहते है, तो इसमें भी चिया के बीज फायदेमंद होते हैं | इसमें मौजूद कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, आदि शरीर में फालतू चर्बी को नियंत्रित करते हैं इसके अलावा यह आपको पुराने कब्ज की बीमारी को भी ठीक करने में मददगार साबित होता है | चिया के बीज को आप कई तरह से उपयोग में ले सकते हैं | आप इसका सेवन नाश्ते में या फिर डेजर्ट के रूप में भी कर सकते हैं |
What is Chia Seeds In Hindi | चिया बीज क्या होता है?
चिया बीज छोटे-छोटे काले रंग के होते हैं, जिसका वानस्पतिक नाम ‘साल्विया हिस्पैलिका’ होता है | इसे हम साल्बा चिया (Salvia Hispanica L) के नाम से भी जानते हैं |
चिया सीड्स में फाइबर, प्रोटीन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, ओमेगी-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं | अगर आप भी खुद को स्वस्स्थ चाहते हैं तो चिया के बीज को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें | चिया बीज के सेवन से शरीर हमेशा सक्रिय रहता है और ऊर्जा बनी रहती है |
चिया के बीज देखने में बहुत सुन्दर और आकर्षक होते हैं, इनका आकर छोटा और गोल होता है | इनका रंग काला, सफ़ेद और भूरा होता है |
इसे पानी में भिगोने पर यह एक पेय पदार्थ के रूप में बदल जाते हैं | इनकी सबसे ख़ास खूबी यह है इनमें कभी किसी भी तरह का कीड़े नहीं लगते हैं क्योंकि इन बीजों में किसी भी तरह का स्वाद हीं नहीं होता है |
चिया बीज के फायदे (Chia Seeds ke Fayde) –
चिया बीज में मौजूद पोषक तत्व हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हीं लाभदायक हैं | यह हमारे इम्यून सिस्टम के अलावा वजन घटाने, बालों और त्वचा के लिए भी बहुत फयदेमद होते हैं तो आइए जानें इस बीज के फायदे –
1. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर –
चिया के बीज एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बहुत कारगर होते हैं | यह शरीर की बिमारियों को कम करता है तथा शरीर में मौजूद फालतू चर्बी को कम कर वजन घटाने में सहायक होता है |
चिया के बीज में एंथोसायनिन नामक फ्लेवोनोइड पाया जाता है, जो कि एंटीऑक्सीडेंट को शरीर में प्रभावित करता है, जिससे शरीर का वजन कम होता है |
2. एनर्जी लेवल को बढ़ाने में सहायक –
चिया बीज में एनर्जी प्रचूर मात्रा में पाई जाती है | अगर आप इस बीज का सेवन करते हैं, तो इससे शरीर में एनर्जी का लेवल बना रहता है, जिसके कारण आप अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं |
3. प्रोटीन से भरपूर –
चिया सीड्स में प्रोटीन प्रचूर मात्रा में होती है, जिसे वजन घटने में बहुत सहायक माना गया है | रिसर्च के अनुसार ऐसा पाया गया है कि अपनी दिनचर्या में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ खाने से शरीर वसा को कम करके हमें स्वस्थ बनाता है |
4. फाइबर की कमी को पूरा करने में सहायक –
चिया के बीज में फाइबर भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है | शोधकर्ताओं का मानना है कि चिया बीज में बादाम, मूंगफली, अलसी और सोयाबीन की अपेक्षा अधिक फाइबर पाया जाता है | फाइबर युक्त भोजन करने से भूख बहुत कम लगती है, जिसके कारण ज्यादा खाने का मन नहीं करता है | इससे आप अपने वजन को नियंत्रित कर पाएँगे |
5. कैल्शियम से भरपूर –
चिया बीज शरीर के लिए बहुत लाभकारी होता है | प्रोटीन और फाइबर के अलावा चिया सीड्स कैल्शियम से भी भरपूर होता है, जो कि हमारे शरीर की हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं | इसके सेवन से शरीर में ऊर्जा के साथ-साथ मस्तिष्क भी सक्रीय रहता है |
चिया बीज के नुकसान (Chia Seeds ke Nuksan) –
हर चीज के अगर फायदे होते है, तो नुकसान भी होते हैं | चिया के बीज में अत्यधिक फाइबर होने के कारण इसका ज्यादा सेवन करने से पेट में दर्द या पेट फूलने जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है | अगर आप सवेदनशील है, तो आपको चिया बीज के सेवन से अलर्जी या त्वचा पर हल्के लाल निशान हो सकते हैं |
इसका अत्यधिक सेवन करने से खून में ग्लूकोस की मात्रा को कम हो सकती हैं | चिया के बीज वजन घटाने में लाभकारी हैं मगर आपको इनका सेवन एक नियमित मात्रा में ही करना चाहिए | बीज के सेवन के अलावा नियमित रूप व्यायाम करते रहें |
चिया बीज की खेती की जानकारी –
शुरुआत में चिया के बीज की खेती सिर्फ पश्चिमी दक्षिण अमेरिका, पश्चिमी मैक्सिको और दक्षिण-पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका देशो में होती थी | वर्तमान समय में चिया के बीज की खेती भारत में भी हो रही है |
चिया के बीज की फसल, रबी की फसल के अंतर्गत आती है, इसलिए इसकी खेती अक्टूबर से नवंबर के महीनो में की जाती है | इसके बीज की मात्रा प्रति एकड़ के हिसाब से 1 से 1.5 किलोग्राम तक रखी जाती है |
चिया के बीज का बुआई दो प्रकार से होता है | इसे या तो छिड़काव के द्वारा बोया जाता है या फिर इसको लाइन में बोया जाता है | चिया सीड्स को लाइन में बोना सबसे अच्छा रहता है | बीज बोन से पहले खेत में नमी होना अति आवश्यक है |
चिया के पौधे में कम से कम 15 सेमी की दूरी होनी जरूरी है | ज्यादा नजदीक होने पर पौधे अच्छी तरह से बढ़ नहीं पाते हैं |
चिया के बीज को हमेशा 1.5 सेमी की गहराई तक बोएँ | इससे ज्यादा गहरा बोने पर बीज के जमाव में परेशानी आ सकती है | चिया के बीज में किसी तरह का रोग ना लगे, इसके लिए आप कीटनाशक का उपयोग कर सकते हैं |
चिया के बीज की खेती भारत में राजस्थान और मध्य प्रदेश के क्षेत्रों का तापमान सबसे सटीक होता है | हालाकिं इसके अलावा अन्य प्रदेशो में भी इसकी खेती की जा सकती है |
चिया के बीज की खेती किसी भी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है मगर इसके लिए खेत इस प्रकार से तैयार करें, जिसमें जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो | अगर खेत की मिट्टी हल्की रेतीली हो तो और भी बेहतर है |
चिया की खेती के लिए सबसे पहले खेत को अच्छी तरह से तैयार करना बहुत जरुरी होता है | इसके लिए पहली जुताई में मिटटी पलटने वाले हल का उपयोग करना चाहिए | इसके बाद 2 या 3 जुताई कल्टीवेटर से करनी चाहिए | मिट्टी को पूरी तरह से भूरभूरा करना जरुरी है |
इसके बाद खेत में पाटा लगाकर जमीन को समतल करना चाहिए | इस बात का हमेशा ख्याल रखे कि खेत में नमी का होना बहुत जरूरी है, तभी बीज से अच्छे अंकुरण निकलेंगे |
अगर आप चिया की फसल से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो अच्छी पैदावार के लिए खेत में गोबर खाद का उपयोग करें |
चिया के 30 व 60 दिन के अंतराल पर खड़ी फसल में सिचाई करने के बाद नीम के तेल का स्प्रे करें | यह ऑर्गनिक खेती के लिए सर्वोत्तम रहता है |
चिया बीज की खेती के दौरान आपको निराई-गुड़ाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए | पहली निराई-गुड़ाई में फालतू पौधो को भी निकाल देना चाहिए | इसके बाद प्रत्येक 30 दिन के अंतराल पर निराई-गुड़ाई करते रहें |
चिया बीज की फसल लगभग 3 से 4 महीनो में पक जाती है | फसल को पौधे से उखाड़ लिया जाता है, इसके बाद खेत में हीं लगभग
एक सफ्ताह तक सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है | सूखने के बाद इसे मशीन द्वारा निकाल लिया जाता है | चिया बीज की फसल एक एकड़ भूमि में लगभग 5 से 6 क्विंटल की उपज हो जाती है |
FAQ –
चिया बीज का हिंदी नाम क्या है?
चिया बीज का वैज्ञानिक नाम साल्विया हिस्पानिका है और जिस Plant से यह बीज प्राप्त किया जाता है, उसे भी साल्विया हिस्पानिका (Salvia Hispanica) नाम से हीं जाना जाता है | इसे मेक्सिकन चिया और सब्जा चिया (Sabja Chia Seeds) के नाम से कहा जाता है | चिया के बीज का कोई भी हिंदी नाम नहीं है, इसे हिंदी में भी चिया सीड्स या चिया के बीज के नाम से हीं जाना जाता है |
चिया के बीज भारतीय नाम क्या है?
इसका कोई भी भारतीय नाम नहीं है, क्योकिं यह मेक्सिकन Plant है |
चिया सीड्स को कैसे खाना चाहिए?
चिया सीड्स को आप जूस, स्मूदी और दलिया में मिलाकर भी खा सकते हैं | इसके अलावा इसे कच्चा भी खाया जा सकता है |
चिया सीड्स की तासीर क्या है?
इसकी तासीर ठंडी होती है |
चिया सब्जा और तुलसी के बीज में क्या अंतर है?
चिया के बीज आकार में अंडाकार और थोड़े बड़े होते है, जिनका रंग भूरा, सफ़ेद और काला होता है तथा Basil तुलसी के बीज चिया की अपेक्षा आकार में गोल और छोटे होते हैं, जिनका रंग काला होता है |
चिया बीज कहाँ पाया जाता है?
चिया के बीज का सबसे ज्यादा उत्पादन मेक्सिको और अमेरिका में होता है | यह मध्य अमेरिका, मेक्सिको का मूल निवासी है | चिया के बीज की खेती सबसे पहले मेक्सिको और ग्वाटेमाला में हुई थी |
चिया बीज और अलसी बीज में क्या अंतर है?
चिया बीज प्रोटीन, फाइबर, मैग्नीशियम, और कैल्शियम सहित कई पोषक तत्वों से भरपूर है, जिनका सेवन ज्यादातर लोग एनर्जी के लिए करते हैं | इसका अपना कोई स्वाद नहीं होता है | इसका सेवन ज्यादातर स्मूदी या ड्रिंक्स के रूप में होता है |
अलसी के बीज (Flax Seeds), चिया के बीज से थोड़े अलग होते हैं | इनका आकर चिया सीड्स से थोड़ा बड़ा होता है और रंग में भूरे या गोल्डन होते हैं | अलसी की पैदावार किसी भी जलवायु में की जा सकती है |
अलसी के अंदर ओमेगा-3 फैटी एसिड, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं | इसके अलावा इसमें लिगनिग (Lignin) भी पाया जाता है, जो एंटी-कैंसररोधी गुणों से समृद्ध होता है |
जिसकी वजह से अलसी के बीज को चिया के बीज से अच्छा माना जाता है | अगर आप अलसी के बीज का सेवन करना चाहते है, तो इन्हे पीस कर खाएँ | इसे पीस कर खाने से इसमें मौजूद पोषक तत्व ज्यादा फायदा करते हैं |
Conclusion –
आप सभी को इस Article में चिया बीज के फायदे और नुकसान (Chia Seeds ke Fayde aur Nuksan) के बारे में दी गई जानकारी कैसी लगी | आप अपने विचार हमसे Comment Box में जरुर साझा करें |
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