दिवाली रौशनी का त्यौहार है | यह हिंदू धर्म के पवित्र त्याहारों में से एक है, जिसे बड़ी हीं धूमधाम से मनाया जाता है | हमने इस लेख में दीवाली पर निबंध लिखा है, जिसे आप पढ़कर दीवाली के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं और विद्यार्थी दिवाली पर निबंध (Diwali par Nibandh) का उपयोग अपने परीक्षाओं में कर सकते हैं | आप सभी को हमारी तरफ से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ |
दिवाली पर निबंध 10 लाइन (10 Lines on Diwali in Hindi) –
- दीवाली दीपों का त्यौहार है |
- दिवाली भारत का सबसे लोकप्रिय और बड़े त्यौहारों में से एक है |
- यह त्यौहार भगवान राम की याद में मनाया जाता है, जब वह चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे |
- इस अवसर पर हिंदू लोग दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं |
- बच्चे इस त्यौहार पर पटाखे जलाकर खुशियाँ मनाते हैं |
- हिंदू लोगों द्वारा इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं |
- दीवाली की शाम भगवान गणेश जी और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है |
- दीवाली के दिन सभी लोग अपने पड़ोसियों दोस्तों और रिश्तेदारों को मिठाई, उपहार आदि भेंट करते हैं |
- भारत में दिवाली के दिन सार्वजनिक अवकाश होता है और लोग इस त्यौहार को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं |
- इस दिन पूरे भारत को दुल्हन की तरह सजा दिया जाता है |
दिपावली पर निबंध 500 शब्दों में (Essay on Diwali in Hindi) –
दिवाली हिंदू धर्म के लोगों के लिए पवित्र एवं विशेष त्यौहार है, सभी लोग इसका इंतजार बहुत उत्सुकता से करते हैं | यह बच्चों से लेकर बड़ों तक हर किसी का सबसे महत्वपूर्ण और पसंदीदा त्यौहार है | भारत में दिवाली के दिन सार्वजनिक अवकाश होता है और लोग इस त्यौहार को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं |
दिवाली मनाने की शुरुआत तब हुई, जब भगवान राम रावण को पराजित करके 14 साल के निर्वासन के लंबे समय के बाद अपने राज्य अयोध्या में लौटे थे | अयोध्या के लोगों ने भगवान राम के स्वागत में अपने घरों और मार्गों को बड़े उत्साह के साथ दीप जलाकर प्रकाशित किया था | यह त्यौहार परंपरागत तरीके से आज तक मनाई जाती है | दिवाली मनाने का उद्देश्य बुराई पर अच्छाई की जीत का सन्देश है |
इस दिन घरों को एक दुल्हन की तरह रोशनी से सजाया जाता है ताकि एक अद्भुत नजारा देखने को मिल सके | इस दिन बाजार में भी बड़ी रौनक रहती है, बड़ी भारी भीड़ होती है, खासकर मिठाई की दुकानों पर | बच्चों को बाजार से नए कपड़े, पटाखे, मिठाई, उपहार, मोमबत्तियां और खिलौने मिलते हैं |
लोग अपने घरों को साफ करते हैं और त्यौहार के कुछ दिन पहले रोशनी से सजाते हैं | हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सूर्यास्त के बाद लोग देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं | वे अधिक आशीर्वाद, स्वास्थ्य, धन और उज्जवल भविष्य पाने के लिए भगवान और देवी से प्रार्थना करते हैं | वे दिवाली के इस खास त्यौहार के सभी पाँच दिनों में खाद्य पदार्थों और मिठाई के स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं | लोग इस दिन पासा, ताश और कई अन्य प्रकार के खेल खेलते हैं |
पहले दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है, जिसमें देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है | लोग देवी को खुश करके आशीर्वाद पाने के लिए आरती, भक्ति गीत गाते हैं और मंत्र का उच्चारण भी किया जाता है | दूसरे दिन को नरका चतुर्दशी या छोटी दिवाली के रूप में मनाया जाता है जिसमें भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है क्योंकि उन्होंने राक्षस राजा नारकसुर का वध किया था |
तीसरे दिन को मुख्य दिवाली के रूप में मनाया जाता है जिसमें शाम को रिश्तेदार, दोस्त, पड़ोसी सभी एक दूसरे के साथ मिलकर रंगीन फुलझड़ियों के बीच मिठाई और उपहार भेंट करते हुए देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं | चौथे दिन भगवान कृष्ण की पूजा करके गोवर्धन पूजा के रूप में जाना जाता है |
लोग अपने दरवाजे पर गोबर के गोवर्धन को बनाते हैं और औरतें गीतों को गति हैं | पाँचवें दिन यम द्वितिया या भाई दूज के रूप में मनाया जाता है जिसमें भाइयों और बहनों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है | बहनें अपने भाइयों को भाई दूज के त्यौहार का जश्न मनाने के लिए आमंत्रित करती हैं | यह त्यौहार हमारे रिश्तों को मजबूत करता है हमारी जिंदगी में खुशियाँ भर देता है | इस तरह पूरे भारत में सभी मिलकर दिवाली को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं |
दिवाली पर निबंध 1000 शब्दों में (Diwali Essay in Hindi) –
भूमिका / प्रस्तावना
दिवाली हिंदू धर्म के लोगों का सबसे लोकप्रिय त्यौहारों में से एक है, जो कि उनके जीवन में बहुत हीं खास महत्व रखता है | इसे बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है | बच्चों में दीवाली को लेकर कुछ ज्यादा हीं उत्साह रहता है क्योंकि उनकी छुट्टियाँ रहती हैं और वे खूब घूमते हैं |
उन्हें नए कपड़े, मिठाइयाँ और पटाखे इत्यादि मिलता है, जिसे पाकर वे बड़े हीं आनंदित रहते हैं | दिवाली का त्यौहार बच्चे, युवा, बुजुर्ग, औरतें सभी के लिए खुशियों का पैगाम लाता है | सभी एक दूसरे से मिलते है, उपहार और मिठाइयाँ भेंट करते हैं और आपस में खुशियाँ और प्यार बाँटते हैं | यह त्यौहार सभी के जीवन को आनंदमय और खुशहाल बनाता है |
दिवाली का अर्थ
दिवाली, जिसे हम “दीपावली” के नाम से भी जानते हैं | दीपावली संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली | ‘दीप’ का अर्थ होता है ‘दीपक’ तथा ‘आवली’ का अर्थ होता है ‘श्रृंखला’, जिसका अर्थ हुआ “दीपों की श्रृंखला” या “दीपों की कतार/पंक्ति” |
दिवाली हिंदू धर्म के लोगों का सबसे पवित्र त्यौहारों में से एक है | दीवाली के इस त्यौहार को कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है | इस त्यौहार को सभी लोगों के द्वारा बहुत हीं उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है |
दीवाली की तैयारी
दिवाली मनाने की तैयारियाँ कई दिनों पहले हीं प्रारंभ हो जाती हैं | दीवाली के कई दिनों पहले से हीं लोग अपने घरों की साफ – सफाई करने में जुट जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ – सुथरे होते हैं, उन घरों में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी विराजमान होती हैं और अपना आशीर्वाद देकर सुख – समृद्धि में बढ़ोत्तरी करती हैं | दिवाली के नजदीक आते हीं लोग अपने घरों को दीपक और तरह – तरह के सजावट से सजाना शुरू कर देते हैं ताकि घर देखने में आकर्षक और सुन्दर लगे |
दिवाली का महत्व
दिवाली को हम “रोशनी का त्यौहार” भी कहते हैं | लोग मिट्टी के बने दीपक को जलाते हैं, अपने घरों को विभिन्न रंगों की रोशनी से सजाते हैं, रंगोलियाँ बनाते हैं और तरह – तरह के सजावटों से सजाते हैं, जिसे देखकर कोई भी मंत्रमुग्ध हो जाता है | इस त्यौहार का महत्व इसलिए बढ़ जाता है कि इस दिन लोग एक दूसरों की गलतियों को माफ़ कर देते हैं, एक दूसरे के साथ मिलकर खुशियाँ बाँटते हैं, गरीबों की मदद करते हैं, भूखों को खाना खिलाते हैं और ऐसे कई तरह के अच्छे काम करते हैं, जो सबके लिए भला हो |
बच्चों में इस दिन एक खास उमंग होती है, वे सभी खेलते हैं, घूमते हैं, पटाखे और फुलझड़ियाँ जलाते हैं, मिठाइयाँ खाते हैं और एक दूसरे के साथ प्यार बाँटते हैं | दीवली का यह त्यौहार करीब 5 दिनों का होता है | पहले दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है | धनतेरस के दिन लोग धातु की वस्तुओं जैसे सोने और चाँदी के आभूषण को खरीदते हैं |
इसके दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है | कुछ लोग इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं | तीसरा दिन दीवाली का मुख्य दिन होता है | इस दिन महालक्ष्मी और गणेश जी की पूजा होती है | इसके चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है, क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक अँगुली पर उठा लिया था | दिवाली के इस त्यौहार के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाते हैं |
दिवाली का इतिहास
दिवाली भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या में आगमन की खुशी में मनाया जाता है | जब वह अयोध्या आये थे तो उस रात अमावस्या की रात होने के कारण काफी अंधेरा था इसलिए उस दिन पूरे अयोध्या को दीपों और फूलों से भगवान राम के लिए सजाया गया था ताकि भगवान राम के आगमन में कोई परेशानी न हो | उसी परंपरा के तहत आज तक इस दीपों के त्यौहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत को दिवाली के रूप में मनाते हैं |
इस शुभ अवसर पर बाजारों से गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्तियों की खरीदारी की जाती है | बाजारों में खूब चहल – पहल होती है | लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयाँ आदि भी खरीदते हैं | इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है | साथ हीं लोगों का मानना है कि यह पवित्र त्यौहार सभी के लिए धन, ख़ुशी, समृद्धि और सफलता लाता है |
निष्कर्ष / उपसंहार
दीवाली अपने और पूरे समाज के अंदर के अंधकार को मिटा कर प्रकाशमय बनाने का पवित्र त्यौहार है | दीवाली का यह पवित्र त्यौहार का अर्थ दीप, प्रेम और सुख – समृद्धि से है | दिवाली के दीप हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं, हमें अपने दुखों से लड़ने की हिम्मत प्रदान करते हैं | दीवाली का त्यौहार सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है |
इस त्यौहार के कारण लोगों में सामाजिक एकता बनती है | हिंदी साहित्यकार गोपालदास नीरज ने भी कहा है, “जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए |” इसलिए दीपों के इस उत्सव पर प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देने के प्रयत्न करना चाहिए और एक दूसरे की मदद करनी चाहिए ताकि हम मिलकर एक सच्चे और सभ्य समाज को बना सकें |
दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) से संबंधित FAQs –
दीपावली का दूसरा नाम क्या है?
दीपावली को दिवाली या दीपोत्सव भी कहा जाता है क्योकि यह दीपों का त्यौहार है |
दीपावली कब मनाई जाती है?
दिवाली प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है, जो कि अक्टूबर और नवम्बर के दौरान पड़ती है |
दीपावली का क्या अर्थ है?
‘दिवाली’ संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है और वो दो शब्द हैं ‘दीप’ अर्थात ‘दीपक’ और ‘आवली’ अर्थात ‘लाइन’ या ‘श्रृंखला’ जिसका अर्थ होता है हुआ ‘दीपों की श्रृंखला’ |
दीपावली का नाम किस भाषा में है?
इसका नाम संस्कृत भाषा में है |
Conclusion –
आप सभी को दिवाली पर निबंध (Diwali par Nibandh) कैसा लगा | आप अपनी राय हमसे जरूर साझा करें | आप इस पोस्ट को उन बच्चों के लिए शेयर करें, जो विद्यार्थी हैं और परीक्षा देने वाले हैं क्योंकि परीक्षाओं में निबंध का महत्व बहुत ज्यादा होता है | निबंध कैसे लिखना है, इसकी जानकारी ना होने के कारण बच्चे निबंध नहीं लिख पाते हैं | अतः आपसे अनुरोध है कि ऐसे पोस्ट को आप जरूर किसी बच्चे से शेयर करें अथवा आप अपने अनुभव के साथ इस पोस्ट के माध्यम से उस बच्चे के आने वाले या चल रहे परीक्षा में उसकी मदद करें और पूरे पोस्ट पढ़ने के लिए आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद |
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