हिंदी व्याकरण के इस सीरीज में आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको सर्वनाम की परिभाषा (Sarvanam ki Paribhasha), प्रकार, उदहारण, उपयोग आदि बारे में सारी जानकारी उपलब्ध कराने वाले हैं | अगर आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ लेते हैं तो आपके मन में सर्वनाम से संबंधित कोई प्रश्न नहीं होगा |
सर्वनाम किसे कहते हैं (Sarvanam kise Kahate Hain) –
ऐसे शब्द, जिनका प्रयोग संज्ञा के स्थान पर किया जाता है, उन्हें सर्वनाम कहा जाता है | हिंदी व्याकरण में कुल ग्यारह मूल सर्वनाम होते हैं – (मैं, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कौन, क्या, कोई, कुछ)
सर्वनाम के 10 उदाहरण (Sarvanam ke Udaharan) –
- मैं एक लेखक हूँ |
- मेरी कार कोरी हो गई है |
- वह आज स्कूल नहीं आएगी |
- तुम्हारा घर बहुत अच्छा है |
- उसे पिज़्ज़ा खाना बहुत पसंद है |
- हम कल फिल्म देखने जाएँगे |
- यह बात बहुत सही है |
- यहाँ बहुत बारिश हो रही है |
- वहाँ का मौसम अच्छा नहीं है |
- तुम वहाँ से आ जाओ |
सर्वनाम के भेद (Sarvanam ke Bhed) –
- पुरुषवाचक सर्वनाम
- निश्चयवाचक सर्वनाम
- अनिश्चयवाचक सर्वनाम
- संबंधवाचक सर्वनाम
- प्रश्नवाचक सर्वनाम
- निजवाचक सर्वनाम
01 – पुरुषवाचक सर्वनाम (Purush Vachak Sarvanam) –
ऐसे सर्वनाम, जो उत्तम पुरुष (बोलने वाले), मध्यम पुरुष (सुनने वाले) और अन्य पुरुष (जिसके बारे में बात हो) के लिए प्रयोग किया जाता है, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहा जाता है |
जैसे – मैं, तू, तुमलोग, यह, वह आदि |
पुरुषवाचक सर्वनाम के 10 उदाहरण (Purush Vachak Sarvanam ke Udaharan) –
- मैं दिल्ली जा रहा हूँ |
- मैं पिछले महीने हीं वहाँ गया था |
- तुम्हें पूरी बात पता नहीं है |
- तुम्हारा दोस्त बहुत अच्छा है |
- तू कहता है तो चलो अच्छा है |
- वह आजकल गा नहीं रहा है |
- यह किताब मेरी नहीं है |
- हमलोग पढ़ नहीं रहे हैं |
- तुम बहुत अच्छा गाते हो |
पुरुषवाचक सर्वनाम के भेद –
पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन प्रकार होते है – उत्तम पुरुष, मध्यम पुरुष, अन्य पुरुष |
01 – उत्तम पुरुष
वक्ता जिन शब्दों का प्रयोग स्वयं के लिए करता है, उसे उत्तम पुरुष कहते हैं |
जैसे – मैं, मुझे, मेरा, हम, हमलोग, हमारा आदि |
02 – मध्यम पुरुष
श्रोता जब किसी से संवाद करते हुए जिन सर्वनाम का प्रयोग करता है, उसे मध्यम पुरुष कहा जाता है |
जैसे – तुम, तुमलोग तू, तेरा, तुम्हारा आदि |
03 – अन्य पुरुष
जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग वक्ता और श्रोता के लिए न होकर किसी अन्य के लिए होता है तो उसे अन्य पुरुष कहा जाता है |
जैसे – यह, वह, इसका, उसका ,इनसे, उनसे, इन्हें, उन्हें आदि |
02 – निश्चयवाचक सर्वनाम (Nishchay Vachak Sarvanam) –
जिस सर्वनाम से किसी वस्तु के पास या दूर होने के संकेत का बोध होता है, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं | इसी संकेत के बोध होने के कारण इसे संकेतवाचक सर्वनाम भी कहा जाता है | नजदीक के वस्तु के लिए यह, ये, ये सभी आदि और दूर की वस्तु के लिए वह, वे, वे सभी आदि का प्रयोग किया जाता है |
जैसे – यह, वह, ये, वे, इसे, उसे आदि |
निश्चयवाचक सर्वनाम के उदाहरण (Nishchay Vachak Sarvanam ke Udaharan) –
- यह मेरी पेंसिल है।
- वह कल घर जाएगा |
- ये सब बेकार की बातें हैं |
- इसे उधर किनारे रख दो |
निश्चयवाचक और पुरुषवाचक सर्वनाम में अंतर व समानता –
- रंजन मेरा दोस्त है और वह पटना में रहता है | (पुरुषवाचक संज्ञा)
- यह मेरी बाइक है और वह सोहन की बाइक है | (निश्चयवाचक संज्ञा)
दोनों वाक्य देखने में लगभग सामान हैं मगर इनमें बहुत अंतर है | पहले वाक्य में एक हीं व्यक्ति के बारे में बात हो रही है इसलिए यह पुरुषवाचक सर्वनाम है मगर दूसरे वाक्य से वास्तु का दूर और पास या संकेत का भाव प्रकट हो रहा है इसलिए यह निश्चयवाचक सर्वनाम है |
03 – अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Anishchay Vachak Sarvanam) –
जिस सर्वनाम से किसी निश्चित व्यक्ति या पदार्थ का बोध नहीं होता है, उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं |
जैसे – कोई, कुछ,कहीं किसी इत्यादि |
अनिश्चयवाचक सर्वनाम के उदाहरण (Anishchay Vachak Sarvanam ke Udaharan) –
- दरवाजा पर कोई खड़ा है |
- मुझे इस बॉक्स में कुछ नहीं मिला |
- किसी ने भी यह बात मुझे नहीं बताई |
- कोई भी मुझे पसंद नहीं करता है |
04 – संबंधवाचक सर्वनाम (Sambandh Vachak Sarvanam) –
संज्ञा के स्थान पर आने वाले जिन दो सर्वनाम शब्दों से संबंध का भाव प्रकट होता है उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं |
जैसे – जो, सो, इसे, उसे, इसकी, उसकी इत्यादि |
संबंधवाचक सर्वनाम के उदाहरण (Sambandh Vachak Sarvanam ke Udaharan) –
- जो सोएगा, वो खोएगा |
- जिसकी लाठी, उसकी भैस |
- जैसी करनी, वैसी भरनी |
- जो कर्म करता है, फल उसी को मिलता है |
जिन सर्वनाम शब्दों से किसी प्रश्न का बोध होता है उसे उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं |
जैसे – क्या, कहाँ, क्यों, कौन, कैसे आदि |
- तुम यहाँ कैसे आए?
- वह वहाँ क्यों जा रहा है
- यह सामान यहाँ कौन लाया है?
- राम घर से कब आएगा?
- मोहन अभी कहाँ है?
06 – निजवाचक सर्वनाम (Nij Vachak Sarvanam) –
जो सर्वनाम शब्द तीनों पुरुष (उत्तम, मध्यम और अन्य) में अपनापन का भाव व्यक्त करता हो, उसे निजवाचक सर्वनाम कहा जाता है |
जैसे – अपना, अपनी आदि |
निजवाचक सर्वनाम के उदाहरण (Nij Vachak Sarvanam ke Udaharan) –
- मैं अपना सामान खुद उठा लूँगा |
- मैं अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह समझता हूँ |
- वह स्वयं हीं मुझे छोड़कर चली गई |
Conclusion –
आप सभी को सर्वनाम की परिभाषा (Sarvanam ki Paribhasha) के साथ-साथ इसके बारे में सारी जानकारी कैसी लगी | उम्मीद है आप सभी को यह जानकारी पसंद आई होगी | इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और ऐसे हीं जानकारी वाले और पोस्ट को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट को फॉलो करें |
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